उत्तर प्रदेश की युवा IAS अधिकारी, हाथरस जिलाधिकारी IAS अर्चना वर्मा, ने एक बेहतर दिशा में एक अद्वितीय कदम उठाया है। उन्होंने अपने तीन साल के बेटे को सरकारी आंगनवाड़ी केंद्र में नहीं भर्ती करवाया, बल्कि उन्हें वहां शिक्षा प्राप्त करने का अवसर दिया है। इस कार्य में, कोलेक्टर का बेटा गांव के बच्चों के साथ पढ़ाई कर रहा है, उनके साथ खेल रहा है और उनके जीवन में बेहद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

इस साहसिक पहल को देखकर गांव के लोग भी अपने बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र में प्रशिक्षण दिलाने की दिशा में रुचि दिखा रहे हैं। यह कदम व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं, बल्कि समाज में भी एक प्रेरणा स्त्रोत बन रहा है और शिक्षा के महत्त्व को उजागर कर रहा है।

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