कभी अपने सोचा होगा कि कोई मुर्गा पुलिस कस्टडी में हर तारीख पर कोर्ट में पेश किया जाएगा,जी हा अबतक सबसे अलग तरह का केस बठिंडा में देखने को मिला जहा पुलिस ने एक मुर्गे को हिरासत में लेकर उसे मुकदमे में प्रॉपर्टी बनाया है और अब मुर्गा पुलिस की कस्टडी में है।और पुलिस हर तारीख पर उसे कोर्ट में पेश करेगी।
बठिंडा में आयोजित एक कंपटीशन में मुर्गों को लड़ाया जा रहा था. सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची तो सभी आयोजक तो फरार हो गए. ऐसे में पुलिस ने एक मुर्गे को हिरासत में लिया है. पुलिस ने इस मुर्गे को केस प्रापर्टी बनाते हुए आयोजकों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया है. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को अरेस्ट किया है.
कभी अपने सोचा होगा कि कोई मुर्गा पुलिस कस्टडी में हर तारीख पर कोर्ट में पेश किया जाएगा,जी हा अबतक सबसे अलग तरह का केस बठिंडा में देखने को मिला जहा पुलिस ने एक मुर्गे को हिरासत में लेकर उसे मुकदमे में प्रॉपर्टी बनाया है और अब मुर्गा पुलिस की कस्टडी में है।और पुलिस हर तारीख पर उसे कोर्ट में पेश करेगी।
बठिंडा में आयोजित एक कंपटीशन में मुर्गों को लड़ाया जा रहा था. सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची तो सभी आयोजक तो फरार हो गए. ऐसे में पुलिस ने एक मुर्गे को हिरासत में लिया है. पुलिस ने इस मुर्गे को केस प्रापर्टी बनाते हुए आयोजकों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया है. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को अरेस्ट किया है
अब आपको पूरा मामला बताते है दरअसल।
पुलिस के मुताबिक चूंकि इस मुकदमे में मुर्गा केस प्रापर्टी है. इसलिए उसके सार संभाल के लिए उसे एक मुर्गा पालक के पास रखवा दिया गया है. पुलिस नियमित वहां जाकर मुर्गे की खोज खबर भी ले रही है. मुर्गा पालक को हिदायत दी गई है कि इस मुर्गे को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में तीन आयोजकों को अरेस्ट कर मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है. पुलिस ने बताया कि मुर्गों की लड़ाई वाली इस प्रतियोगिता में कुल 11 पुरस्कार रखे गए थे.
पुलिस ने मौके से सभी 11 ट्रॉफियां कब्जे में ली हैं. हर ट्रॉफी के साथ इनाम राशि भी थी. मामले के जांच अधिकारी निर्मलजीत सिंह ने बताया कि इस मामले में मुर्गे को कस्टडी में लिया गया है. उसे आवश्यकता के मुताबिक कोर्ट में भी पेश किया जाएगा. फिलहाल उसे एक मुर्गा पालक के पास रखवाया गया है. बता दें कि किसी तरह के मवेशी, पक्षी और जानवरों की लड़ाई कराना या किसी तरह का प्रदर्शन करना प्रतिबंधित है. ऐसा होने पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज कर आरोपियों को अरेस्ट करने का प्रावधान है. इसी कानून के बाद सर्कस में जानवरों का प्रदर्शन बंद हो गया था. बावजूद इसके कई जगह चोरी छुपे यह खेल जारी ह।