नई दिल्ली: दिल्ली के प्रतिष्ठित सर गंगा राम अस्पताल ने हैदराबाद स्थित किम्स अस्पताल के साथ मिलकर राजधानी में फेफड़ों के प्रतिरोपण (लंग ट्रांसप्लांट) की सुविधा शुरू कर दी है। इस साझेदारी के माध्यम से उन मरीजों को लाभ मिलेगा जो श्वसन विफलता (Respiratory Failure) जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और जिन्हें अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं की आवश्यकता है।
सर गंगा राम अस्पताल के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के अध्यक्ष डॉ. अजय स्वरूप ने बताया कि इस साझेदारी का उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में फेफड़ों के प्रतिरोपण जैसी उच्च स्तरीय सेवाओं को सुलभ बनाना है। उन्होंने कहा कि फेफड़ों की गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए यह सेवा एक नई उम्मीद लेकर आई है।
किम्स हैदराबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट के प्रमुख डॉ. संदीप अटावर ने बताया कि उनकी टीम हर साल लगभग 100 फेफड़ों के प्रतिरोपण करती है, जो पूरे भारत में किए जाने वाले फेफड़ा प्रतिरोपण मामलों का करीब 90% है। डॉ. अटावर ने सर गंगा राम अस्पताल को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस सहयोग से न केवल मरीजों को बेहतर क्लीनिकल सेवा मिलेगी, बल्कि अंग दान और प्रतिरोपण को लेकर समाज में जागरूकता भी बढ़ेगी।
उन्होंने आगे बताया कि निकट भविष्य में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पूर्ण रूप से सुसज्जित फेफड़ा प्रतिरोपण केंद्र स्थापित करने की योजना है, जिससे अंतिम चरण के फेफड़ों के रोगियों को जीवनदायिनी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। इसके अतिरिक्त, प्रतिरोपण तक की प्रक्रिया के दौरान आधुनिक जीवन रक्षक उपचारों जैसे ECMO (एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनशन) और नाइट्रिक ऑक्साइड थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि रोगियों को बेहतर परिणाम मिल सकें।
इस नई पहल से दिल्ली और आस-पास के इलाकों में उन मरीजों को विशेष लाभ मिलेगा, जिन्हें पहले फेफड़ों के प्रतिरोपण के लिए अन्य राज्यों में जाना पड़ता था। अब विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में, उन्नत तकनीकों के साथ यह सुविधा दिल्ली में ही उपलब्ध होगी।
यह साझेदारी न केवल चिकित्सा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि देश में अंग प्रतिरोपण को लेकर लोगों की सोच को भी बदलेगी और अंगदान की संस्कृति को बढ़ावा देगी।