सूर्य ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं, जिससे सूर्य का प्रकाश कुछ समय के लिए पृथ्वी पर आना बाधित हो जाता है। इस दौरान सूर्य का दृश्य आंशिक या पूरी तरह ढक जाता है। अगर चंद्रमा का आकार सूर्य से छोटा होता है, तो सूर्य के किनारों से एक चमकती हुई रिंग बनती है, जिसे ‘रिंग ऑफ फायर’ कहा जाता है। यह खगोलीय घटना विज्ञान प्रेमियों और खगोलविदों के लिए बेहद रोमांचक होती है। इस साल का आखिरी वलयाकार सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को घटित होगा, जिसमें ‘रिंग ऑफ फायर’ का दुर्लभ और मनमोहक दृश्य देखा जा सकेगा। हालांकि, भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा, लेकिन अन्य देशों के लोग इसे अपने क्षेत्र में देख सकेंगे।
1. पूर्ण सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है।
2. आंशिक सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य का एक हिस्सा ही ढकता है।
3. वलयाकार सूर्य ग्रहण (रिंग ऑफ फायर): जब चंद्रमा का आकार सूर्य से छोटा होने के कारण सूर्य के किनारों से प्रकाश की रिंग बनती है।
4. हाइब्रिड सूर्य ग्रहण: जब एक ही ग्रहण में कुछ स्थानों पर पूर्ण और कुछ स्थानों पर वलयाकार ग्रहण दिखाई देता है।
रिंग ऑफ फायर: खास दृश्य
इस बार का सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा, जिसे ‘रिंग ऑफ फायर’ कहा जाता है। यह इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण है, जिसमें सूर्य के चारों ओर एक चमकती हुई रिंग दिखाई देगी। चूंकि चंद्रमा का आकार सूर्य से छोटा है, इसलिए वह सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाएगा और एक चमकती हुई अंगूठी (रिंग) जैसी आकृति बनेगी।
सूर्य ग्रहण कब और कहाँ दिखाई देगा?
यह सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर की रात 09:13 PM से शुरू होगा और 3 अक्टूबर की सुबह 03:17 AM तक रहेगा। हालांकि, भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा क्योंकि उस समय यहाँ रात्रि का समय होगा। भारतीय दर्शकों को यह दृश्य केवल इंटरनेट या लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से देखने का मौका मिलेगा।
कहाँ से दिखेगा सूर्य ग्रहण?
खगोलविद अमर पाल सिंह के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण मुख्यतः प्रशांत महासागर, दक्षिणी चिली और दक्षिणी अर्जेंटीना के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। इन क्षेत्रों में लोग सूर्य के चारों ओर बनने वाली ‘रिंग ऑफ फायर’ को देख पाएंगे। इसके अलावा, दक्षिणी अमेरिका के कुछ हिस्सों में यह आंशिक रूप से दिखाई देगा।
कैसे देखें सूर्य ग्रहण?
यदि आप इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखना चाहते हैं, तो इसे इंटरनेट पर लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से देख सकते हैं। ध्यान रहे कि सूर्य ग्रहण को बिना सुरक्षात्मक चश्मे के सीधे देखना आपकी आँखों के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए हमेशा उचित उपकरणों का उपयोग करें।
खगोल प्रेमी बड़ी उत्सुकता से कर रहे हैं, इंतजार
इस खगोलीय घटना को देखने के लिए खगोल प्रेमी बड़ी उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि ‘रिंग ऑफ फायर’ का दृश्य काफी दुर्लभ और अद्वितीय होता है। इस घटना को यादगार बनाने के लिए लोग इसे कैमरों में कैद करने की भी योजना बना सकते हैं।
खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि कुछ हिस्सों से लोग एक चमकदार रिंग ऑफ फायर देख सकेंगे
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, तो यह सूर्य ग्रहण की घटना बनती है। इस दौरान चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को कुछ समय के लिए पृथ्वी पर आने से रोक देता है, जिससे सूर्य का दृश्य आंशिक या पूर्ण रूप से ढक जाता है। खगोल विज्ञान की भाषा में इस घटना को ‘एकलिप्साइड’ कहा जाता है। सूर्य ग्रहण मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं