प्रयागराज में आज से महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो चुका है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है। गंगा तट पर देश और विदेश से आए करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने व्यापक प्रबंध किए हैं। अनुमान है कि इस बार के महाकुंभ में प्रतिदिन लगभग एक करोड़ श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाएंगे।
महाकुंभ की पारंपरिक परंपरा, जैसे कल्पवास का पालन करने के लिए, प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से सभी आवश्यक इंतजाम किए हैं। झूंसी से फाफामऊ तक गंगा तट पर कल्पवासियों के लिए लगभग 1.6 लाख टेंट लगाए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार, संगम के तट पर होने वाले 45 दिवसीय इस महाआयोजन में लगभग 35 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। मौनी अमावस्या के अवसर पर 4-5 करोड़ भक्तों के प्रयागराज पहुंचने और स्नान करने का अनुमान है।
प्रयागराज में 13 जनवरी की सुबह अद्भुत नजारा था। गंगा का तट दुधिया रोशनी से जगमगा रहा था, और श्रद्धालु हर-हर महादेव के जयकारे के साथ गंगा में आस्था की डुबकी लगाने बढ़ रहे थे। बूढ़े-बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी इस अद्भुत आयोजन में शामिल थे।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। लगभग 45,000 पुलिसकर्मियों को मेला क्षेत्र में तैनात किया गया है। 55 से अधिक थानों की फोर्स इस आयोजन की सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी। सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की शरारत को समय पर पहचाना और नियंत्रित किया जा सके।
महाकुंभ के इस भव्य आयोजन ने प्रयागराज को आस्था और श्रद्धा का केंद्र बना दिया है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर उमड़े इस श्रद्धालु सैलाब ने एक बार फिर भारतीय संस्कृति और परंपराओं की गौरवमयी छवि प्रस्तुत की है।