गोरखपुर।गोरखपुर स्थित पीआरडीयफ संस्थान गोरखपुर एक परियोजना ” प्राकृतिक खेती द्वारा कालानमक धान की खेती” चला रही है । यह परियोजना नाबार्ड लखनऊ द्वारा 3 वर्ष से वित्त पोषित है । यह तीसरा वर्ष है और इसकी समीक्षा बैठक नाबार्ड के मुख्य महानिदेशक डॉक्टर संजय कुमार डोरा ने की । इस अवसर पर उन्होंने काला नमक चावल को पुनर्जीवित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिक और पीआरडीयफ संस्थान के अध्यक्ष डाक्टर राम चेत चौधरी के कार्यो की भूरि भूरि प्रशंसा की और उन्होंन पुष्प गुच्छ तथा शाल देकर सम्मानित किया । इस अवसर पर 50 से अधिक कार्यकर्ता तथा नाबार्ड के अधिकारी नाबार्ड मुख्यालय मे उपस्थित थे । डॉक्टर चौधरी ने भी अपनी पुस्तक “कालानमक धान : अतीत से वर्तमान ” नाबार्ड के अधिकारियो को भेट की । नाबार्ड के प्रति सहयोग और मान सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया ।
अंतर्राष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर ने रामचेत चौधरी को नाबार्ड के महानिदेशक ने किया सम्मानित।