गोरखपुर: गोरखपुर जिले का एक चर्चित मामला, जिसमें याची हेमवंती पटेल ने अपने खिलाफ दर्ज गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, पर हाईकोर्ट ने एफआईआर और गैंग चार्ट को निरस्त कर दिया है। याची हेमवंती पटेल, जो देवरिया की निवासी हैं, के खिलाफ जिला गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। याची की ओर से उनके अधिवक्ता सुनील चौधरी ने न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला और अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ के समक्ष बहस की।
अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि याची के विरुद्ध कुल तीन झूठे केस दर्ज किए गए थे, जिनमें वह पहले ही जमानत पर हैं। उन्होंने तर्क दिया कि हेमवंती के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई कार्रवाई नियमों के विपरीत की गई है और इसके लिए कोई वैध आधार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि याची के खिलाफ दर्ज मामलों का गैंगस्टर एक्ट से कोई संबंध नहीं है, और इस प्रकार यह कार्रवाई पूर्णत: अवैध है।
याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी अवगत कराया कि जिलाधिकारी द्वारा गैंगस्टर एक्ट के तहत चार्ट तैयार करने की प्रक्रिया में अनियमितताएं की गईं थीं। इस मामले में जिलाधिकारी ने जॉइंट मीटिंग कर गैंगस्टर चार्ट तैयार करने का दावा किया था, लेकिन मीटिंग के कोई वैध साक्ष्य या रजिस्टर प्रस्तुत नहीं किया गया। इसके चलते कोर्ट ने जिलाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा। जब जिलाधिकारी संतोषजनक उत्तर देने में असमर्थ रहे, तो कोर्ट ने जिलाधिकारी की कार्यवाही पर नाराजगी जताई और फटकार लगाई।
न्यायालय ने यह भी कहा कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, डीजीपी और राज्य सरकार ने सर्कुलर जारी किया था, जिसमें गैंगस्टर एक्ट के तहत चार्ट तैयार करने और उसके अनुरूप ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। इस संदर्भ में न्यायालय ने कहा कि गैंगस्टर एक्ट का दुरुपयोग किसी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी कार्रवाई को नियमों और निर्देशों का पालन करते हुए ही किया जाना चाहिए।
न्यायालय के इन तर्कों और साक्ष्यों के आधार पर हेमवंती पटेल, विकास सिन्हा, रेखा, गीता, और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर और गैंग चार्ट को रद्द कर दिया गया। इन पर रेप, पॉक्सो, और लोगों से ठगी के झूठे मामलों में शामिल होने और आपराधिक षड्यंत्र का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था।
वर्तमान समय में, तथाकथित गैंग के सरगना विकास सिन्हा और उसकी सहयोगी रेखा सिंह गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल में बंद हैं। कोर्ट का यह निर्णय न केवल याची के लिए राहतभरा है, बल्कि यह भविष्य के लिए भी एक मिसाल स्थापित करता है कि गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते समय नियमों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए और किसी निर्दोष व्यक्ति को झूठे आरोपों में फंसाने का प्रयास नहीं होना चाहिए।
इस फैसले के बाद, याची और उनके सहयोगियों को बड़ी राहत मिली है, और हाईकोर्ट का यह निर्णय नियमों के पालन की आवश्यकता को और भी स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है।