उत्तर प्रदेश में आम निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला लखनऊ में आयोजित की गई और इसमें राज्य के किसानों, उद्यमियों, और औद्यानिक क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में आम उत्पादन और निर्यात की संभावनाओं को सशक्त बनाना था। इसमें आम निर्यात के विभिन्न पहलुओं, नवीनतम तकनीकों, और बाजार की संभावनाओं के बारे में चर्चा की गई।
कार्यशाला में औद्यानिक विशेषज्ञों और निर्यातकों ने अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। राज्य के कृषि और औद्यानिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इसमें भाग लिया और राज्य की औद्यानिक नीतियों और योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
कार्यशाला के दौरान, आम उत्पादक सहकारी समिति के प्रमुख उपेंद्र सिंह और आम निर्यातक नदीम और अकरम बेग ने आम निर्यात में आ रही समस्याओं के बारे में चर्चा की। एपीडा के प्रतिनिधियों ने बताया कि किसान निर्यातक हार्टनेट पर पंजीकरण कर सीधी पहुंच बना सकते हैं।
आयुक्त महोदया ने अपने उद्बोधन में बताया कि लखनऊ मंडल की फल पट्टी में आम के निर्यात की अच्छी संभावनाएं हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जमीनी स्तर पर आम निर्यात में आ रही समस्याओं के निदान के लिए शेड्यूल बनाकर काम करें।
कार्यशाला का आयोजन उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, लखनऊ मंडल, लखनऊ के स्तर से किया गया था। इसमें संयुक्त विकास आयुक्त केके सिंह, संयुक्त कृषि निदेशक अनिल कुमार पाठक, संयुक्त कृषि निदेशक लखनऊ मंडल लखनऊ पाठक, डॉ डीके वर्मा, उप निदेशक उद्यान लखनऊ मंडल लखनऊ, जिला उद्यान अधिकारी हरदोई, सीतापुर, और उन्नाव, विद्यान निरीक्षक जावेद नसीम, और 100 आम उत्पादकों, व्यापारियों, और निर्यातकों ने भाग लिया।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य आम निर्यात को बढ़ावा देना और उत्तर प्रदेश के किसानों को आम उत्पादन और निर्यात के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना था।