महाराष्ट्र राज्यपाल ने की सरदार पटेल की विचारधारा की सराहना
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच ने रविवार को राष्ट्रीय बुद्धिजीवी सम्मेलन का आयोजन किया। महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने सम्मेलन के उद्घाटन में समाजिक समरसता के महत्व पर बात की और सरदार पटेल की विचारधारा को सतत प्रत्यनुष्ठान का केंद्र बताया। मंच ने समाज की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया और विभिन्न माध्यमों और कार्यक्रमों के माध्यम से इस कारगर मिशन को प्रोत्साहित किया।
पूर्व की सरकारो ने नही दिया सरदार पटेल को सम्मान-पंकज चौधरी
राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरदार पटेल ने समाज के नहीं, बल्कि सर्व समाजों के नेता बनने का मार्ग प्रशस्त किया और इन्हें उनका हक दिलाने के लिए सम्मान दिलाना आवश्यक था, जो वर्तमान सरकार ने किया। प्रावाधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने भी मंच की सराहना की और सोशल मिशन के माध्यम से समाज को दिशा देने का समर्थन किया।
आने वाले चरण में बौद्धिक एप का लॉन्च गांव-गांव चेतना रैली की योजना, अरुण कुमार सिन्हा
बौद्धिक विचार मंच के संस्थापक अरुण कुमार सिन्हा ने मुख्य अतिथि और कार्यक्रम में शामिल अतिथियों का स्वागत किया और आने वाले चरण में बौद्धिक एप का लॉन्च करने का ऐलान किया। उन्होंने गांव-गांव चेतना रैली की योजना बताई, जिससे सामाजिक समरसता का संदेश गांवों तक पहुंचाया जाएगा।
पटेल समाज की अधिकांश जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए प्रतिनिधित्व में बढ़ावा
महामंत्री जगदीश शरण गंगवार ने मंच के मुख्य उद्देश्यों को बताया और उत्तर प्रदेश में सरदार पटेल समाज की अधिकांश जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए प्रतिनिधित्व में उन्हें बढ़ावा देने की मांग की। डॉ. क्षेत्रपाल गंगवार ने भी अपने अध्यक्षीय संबोधन में समाज में जागरूकता फैलाने के लिए मंच का समर्थन किया और समाज के उत्थान के लिए सतत कार्य करने का आशीर्वाद दिया।
प्रगति की राह में सबका साथ: बुद्धिजीवियों का महा-एकजुटता
कार्यक्रम में सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य, सभासद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ पूर्व आईएएस, आईपीएस, आईआरएस, पीसीएस, चिकित्सक, अधिवक्ता, व्यवसायी, शिक्षाविद, प्रगतिशील किसानों सहित लगभग दो हजार बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में महामंत्री उमेश कुमार, उपाध्यक्ष वीआर वर्मा,रविंद्र सिंह गंगवार, कोषाध्यक्ष आर एल निरंजन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। मंच संचालन योगेंद्र सचान व डॉ अनूप सचान ने किया।